Ehsaas Baaki Hai - DOORI KA EHSAAS

Hi Friends ! Welcome to Blog 'Doori Ka Ehsaas'. " Maine Ehsaas likha hai, Tum bas Alfaj padhana."

Recent

Sunday, July 1, 2018

Ehsaas Baaki Hai



               

                           ।।एहसास बाकी है।।

आज फिर हाथों में चाय का कप लिया दिन की शुरुआत हुई और कुछ चुस्कियाँ के बाद जैसी ही कुछ लिखने के लिए डायरी उठाया अचानक हाँथ से लग कर कुछ किताबें जमीन पर गिर पढ़ी और उसमे से एक किताब से एक गुलाब का फूल गिरा पडा। हाँ ये वही फूल था जो तुमने मुझे दिया था.....जो उस किताब के पन्नों को अब भी वैसे ही महका रहा था जैसे कभी तुम मेरी ज़िन्दगी को महकाया करती थी। उसको हाँथ में उठाया तो ना जाने कितनी यादे दिलों दिमाक में हलचल मचाने लगी जैसे कुछ दिन पहले की ही बात हो....जब तुम दुनिया की परवाह किये बिना मुझसे मिलने आया करती थी तुम्हारा हाँथ थाम कर मैं राहों में चला करता था और वो तुम्हारे गोद में सिर रख कर सोना तुम्हारा अपने दुपट्टे से मेरे सिर को ढक देना जिससे की मुझे धूप ना लगे...मेरी पसंद का नाश्ता बना कर लाना, और जरा सी लापरवाही करने पर तुम्हारी प्यार भरी डाट सुनना, कितना ख्याल रखती थी तुम मेरा... तुम्हारे प्यार ने तो मुझे बच्चा बना दिया था पर वो बच्चा जिसे खुद से ज्यादा तुम्हारी फ़िक्र थी जिसने तुम्हारे हर सपने को अपना ख्वाब बनाया जो तुम्हारे चेहरे पर एक मुस्कान के लिए कुछ भी कर जाये.....पर वो कहते है ना खुशियाँ ज़्यादा देर नही टिकती। वो खिला गुलाब अब मुर्झा चूका था और तुम भी मुझसे दूर जा चुकी थी पर उस गुलाब की तरह आज भी तुम्हारी यादों को अपने अंदर समेट कर रखा हैं मैंने। क्या हुआ जो अब तुम किसी और की हो ,मेरे अंदर आज भी तुम्हारा एहसास बाकी है।।
   
     Blog-Doori Ka Ehsaas
      @Shalini Gupta
https://m.facebook.com/charli.jee.1

2 comments:

Post Top Ad

Responsive Ads Here