Maaf Karna - DOORI KA EHSAAS

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Sunday, May 12, 2019

Maaf Karna

सुनो, अब चीजे मुझे याद नही रहती
  ग़र कुछ भूल जाऊँ तो माफ़ करना।
मुझे याद नही रहती अब वो सारी बाते
  जो रात भर जाग कर हम करते थे।
मुझे याद नही आती वो मुलाकातें अब,
 जिसका ज़िक्र मैं तुमसे अक़्सर किया करता था।
मुझे तो ये भी भूलने लगा है धीरे-धीरे कि
 तुम्हारी पसन्द और नापसंद क्या है।
हाँ अब भूलने लगा मुझे वो सब कुछ
 जिसको कभी न भूलने की चाहत में मैंने लिख कर कही रख दिया था।
पता है अब मुझे ये भी याद नही की मैंने वो सारे ख़त कहा रखे है
जिसमे मैंने अपने सारे जज़्बात को समेट के रख दिया था।
मैं भूल रहा हूँ सब कुछ, इसमें शायद मेरी गलती नही है
हाँ, अब एक लंबा वक़्त बीत चुका है इन सारी बातों को
मैंने काफी समय तक याद रक्खा चीजो को
पर अब उन यादों पर वक़्त की इक परत सी चढ़ गयी है।
मैं भूल गया रहा हूँ सब कुछ....शायद तुमको भी बहुत जल्द ही भूल जाऊँ
माफ़ करना, वादा था हमेशा साथ देने का
वो वादा भी भूल जाऊ तो माफ़ करना
हाँ, मैं भूल रहा हूँ सब कुछ
ग़र कल न मिल पाऊँ तो माफ़ करना
मैं भूल गया हूँ खुद को अब
ग़र कल को न रहूँ तो माफ़ करना।।

©® Shalini Gupta
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2 comments:

  1. IMG_20190422_113927_995

    कभी इत्तेफाक से मेरी आपकी मुलाकात हो जाए पता नहीं कि वह दिन भूल पाऊंगा कि नहीं।
    कुछ अतीत की यादें हैं बातें हैं और जख्म भी है पता नहीं कि वह दिन भूल पाऊंगा कि नहीं।
    Sorry R.J.
    बहुत अच्छा लगा पढ़कर जब मैं यह पोस्ट पढ़ रहा था मुझे कुछ पुरानी बातें याद आ गई। कुछ मेरे साथ अच्छा हुआ था कुछ बुरा जब मैं यह रात में पढ़ रहा था मुझे वह पुरानी बातें सोचकर रात में नींद ही नहीं आई ।

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