एक शिक्षक वो है जो एक इंसान को बद से बेहतर की ओर ले जाए, उसे एक क़ाबिल इंसान बनाये। और वो कोई भी हो सकता हैं। हमारी पहली शिक्षक तो माँ होती है जो हमारे ज़िन्दगी की नींव होती है। फिर स्कूलों में जा कर हमें बहुत से ऐसे शिक्षक मिलते है जिनकी अमिट छाप हमारे व्यक्तित्व पर नज़र आती है। ये सब हमें ज़िन्दगी में आने वाले मुश्किलों का सामना करने की प्रेणना देते है। अग़र तजुर्बे की बात करे तो वो हमें हमारे अनुभव से मिलती हैं और अनुभव होता है खुद से कर के सिखने से। जब हम खुद से कुछ करते है तो हम कई बार गलतियाँ कर देते हैं।
"गलतियाँ, इंसान के ज़िन्दगी की सबसे बड़ी शिक्षक होती है।" ऐसा पढ़ा था कहीं पर मैंने। और इस पर मेरा विश्वास और भी बढ़ गया जब मेरी ख़ुद की जिंदगी में मैंने अनगिनत गलतियाँ कर उनसे बहुत कुछ सीखा। और उनसे इतना कुछ सीखा मैंने कि, जितना की विश्व की कोई भी पुस्तक नहीं सिखा सकती। कभी-कभी हम बहुत सी जाने-अनजाने में ऐसी गलती कर जाते हैं, जिसका हमें रत्ती भर भी एहसास नहीं होता पर जब उन गलतियों का एहसास हो जाये तो, हम ख़ुद की नज़रो में गिर जाते हैं, उस आत्मग्लानि से हम उन गलतियों की सज़ा ख़ुद से ख़ुद को देने लगते हैं। पर हम शायद भूल जाते हैं कि हमें गलती करने का हक़ तो होता है पर सज़ा देना हमारा काम नहीं हैं। हमारे अच्छे-बुरे जो कर्म होते हैं उसका फल हमें मिलता है और वो देता है जिसे हम वक़्त कहते हैं। वक़्त बिल्कुल जादूगर की उस टोपी की तरह होता हैं जिसमें जादूगर जब भी हाँथ डालता है हर बार एक नयी चीज़ निकल कर आती है। वक़्त भी ऐसा ही है जब ये हमारे कर्मों की सज़ा देने पर आता है तो हर बार कुछ नया सबक़ सिखा ही देता है। वो समझदार व्यक्ति हैं जिसने अपनी गलतियों स्वीकार किया और उसे सुधारने की भी कोशिश की। मेरी की गयी हर गलती मेरी ज़िन्दगी की शिक्षक हैं और इसके मिले सबक़ मेरे परिणाम और इनसे आया परिवर्तन मेरी ज़िन्दगी के वो परिवर्तन जिससे मैंने ख़ुद को बद से बेहतर की ऒर बढ़ते देखा।
"मेरी गलतियां तुम्हे भी शिक्षक दिवस की बधाइयाँ।
क्योंकि ज़िन्दगी का असल पाठ तो तुमने ही सिखाया।।"
"गलतियाँ, इंसान के ज़िन्दगी की सबसे बड़ी शिक्षक होती है।" ऐसा पढ़ा था कहीं पर मैंने। और इस पर मेरा विश्वास और भी बढ़ गया जब मेरी ख़ुद की जिंदगी में मैंने अनगिनत गलतियाँ कर उनसे बहुत कुछ सीखा। और उनसे इतना कुछ सीखा मैंने कि, जितना की विश्व की कोई भी पुस्तक नहीं सिखा सकती। कभी-कभी हम बहुत सी जाने-अनजाने में ऐसी गलती कर जाते हैं, जिसका हमें रत्ती भर भी एहसास नहीं होता पर जब उन गलतियों का एहसास हो जाये तो, हम ख़ुद की नज़रो में गिर जाते हैं, उस आत्मग्लानि से हम उन गलतियों की सज़ा ख़ुद से ख़ुद को देने लगते हैं। पर हम शायद भूल जाते हैं कि हमें गलती करने का हक़ तो होता है पर सज़ा देना हमारा काम नहीं हैं। हमारे अच्छे-बुरे जो कर्म होते हैं उसका फल हमें मिलता है और वो देता है जिसे हम वक़्त कहते हैं। वक़्त बिल्कुल जादूगर की उस टोपी की तरह होता हैं जिसमें जादूगर जब भी हाँथ डालता है हर बार एक नयी चीज़ निकल कर आती है। वक़्त भी ऐसा ही है जब ये हमारे कर्मों की सज़ा देने पर आता है तो हर बार कुछ नया सबक़ सिखा ही देता है। वो समझदार व्यक्ति हैं जिसने अपनी गलतियों स्वीकार किया और उसे सुधारने की भी कोशिश की। मेरी की गयी हर गलती मेरी ज़िन्दगी की शिक्षक हैं और इसके मिले सबक़ मेरे परिणाम और इनसे आया परिवर्तन मेरी ज़िन्दगी के वो परिवर्तन जिससे मैंने ख़ुद को बद से बेहतर की ऒर बढ़ते देखा।
"मेरी गलतियां तुम्हे भी शिक्षक दिवस की बधाइयाँ।
क्योंकि ज़िन्दगी का असल पाठ तो तुमने ही सिखाया।।"
©® Shalini Gupta
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Supeerrrbbbb
ReplyDeleteThank you soo much Karan
ReplyDeleteWow yrr 👌👌♥️
ReplyDeleteThankeww My Frnd
ReplyDeleteBehtreen
ReplyDeleteThankeww
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