हर एक चाहत को अपनी छुपा के रखना पड़ता है।
ग़म हो कितना,चेहरे पर मुस्कान ला के रखना पड़ता है।1।
कोई पूछ ना ले वजह सुर्ख़ आँखों की।
इसलिए नज़रे झुका के रखना पड़ता है।2।
मिलते वो ग़र तो जान जाते ग़म-ए-दिल हमारा।
इसलिए उनसे दूरी बना के रखना पड़ता है।3।
सुन ना ले कोई मेरे नग़मों में तुमको।
इसलिए अब गुनगुना के रखना पड़ता है।4।
चाहे कितने भी ग़म आये जिंदगी में।
दिल के ज़ख़्म सारे छुपा के रखना पड़ता है।5।
ग़म हो कितना,चेहरे पर मुस्कान ला के रखना पड़ता है।1।
कोई पूछ ना ले वजह सुर्ख़ आँखों की।
इसलिए नज़रे झुका के रखना पड़ता है।2।
मिलते वो ग़र तो जान जाते ग़म-ए-दिल हमारा।
इसलिए उनसे दूरी बना के रखना पड़ता है।3।
सुन ना ले कोई मेरे नग़मों में तुमको।
इसलिए अब गुनगुना के रखना पड़ता है।4।
चाहे कितने भी ग़म आये जिंदगी में।
दिल के ज़ख़्म सारे छुपा के रखना पड़ता है।5।
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