Badal Jaungi Main - DOORI KA EHSAAS

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Tuesday, July 31, 2018

Badal Jaungi Main



इक रोज़  ज़िन्दगी को  जीना सिखाऊंगी मैं !
हाँ एक दिन बस एक दिन बदल जाऊँगी मैं !! १

फिर न तेरी तस्वीर को  सीने से लगाऊंगी मैं !
उस पे फिर न कभी अपना प्यार जताऊँगी मैं !
उसको  अपने  तकिये  के  नीचे  से  हटा  कर,
तुझे  अपने  ख़्वाबों  में  अब  न  बुलाऊँगी  मैं !!

हाँ एक दिन बस एक दिन बदल जाऊँगी मैं !!२

फिर ना हर किसी से नज़रे चुराऊँगी मैं !
अपने एहसास किसी से न  छुपाऊँगी मैं !
जो  तेरे  पास  मेरा  दिल  रह  गया  है,
एक दिन तुझसे उसे वापस ले आऊँगी मैं !!

हाँ एक दिन बस एक दिन बदल जाऊँगी मैं !!३

तेरे झूठे कसमों और वादों को तोड़ जाऊँगी मैं !
तुझे  अपने  जैसा कर  के छोड़  जाऊँगी  मैं !
जब  भी कभी  ज़रूरत  होगी फिर तुझे मेरी,
वापस  लौट  के  फिर  न  कभी  आऊंगी  मैं !!

हाँ एक दिन बस एक दिन बदल जाऊँगी मैं !!४

ग़र  मिल  गए  हम  अचानक  से  कहीं तो !
सबके  सामने  तुझको ग़ैर  बताऊँगी  मैं !
अपना दामन तेरे पहलू से फिर छुड़ा कर,
तुझे  तेरी  ही  नजरों  में  गिराऊँगी   मैं !

हाँ एक दिन बस एक दिन बदल जाऊँगी मैं !!५

तुझे हँसी  तक न आए  इतना रुलाऊँगी मैं ! 
तेरे  आँखों में नमीं की वज़ह बन जाऊँगी मैं !
तेरी  ही  तरह  तुझसे  सलूक  कर  के,
तुझे हर दर्द का एहसास दिलाऊंगी मैं !!

हाँ एक दिन बस एक दिन बदल जाऊँगी मैं !!६


©® Shalini Gupta
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1 comment:

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    बहुत सुन्दर कविता ������������

    ReplyDelete

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