हम भी हकदार होते अगर ऐसी नसीब ही ना होती,
सब कुछ होता मौला मेरे पास भी अगर ये जालिम गरीबी ना होती,
इक टुकडे के वास्ते ना सुनते दुनिया कें ताने,
हमारे हाथ मे भी होते अगर दो वक्त कें खाने,
यू तिल-तिल ना जलते रूह, ये आँखे गीली ना होती
सब कुछ होता मौला मेरे पास भी अगर ये जालिम गरीबी ना होती।।
यू सर्दी की राते अपनी ठिठुर-ठिठुर के ना कटती
कई दिनो की भूख अब पानी पीने से ना मिटती
होते जो सर पर छत अपने, तो इतनी जिल्लत ना होती
हम भी हकदार होते अगर ऐसी नसीब ही ना होती,
सब कुछ होता मौला मेरे पास भी अगर ये जालिम गरीबी ना होती..
Shalini Gupta
DOORI KA EHSAAS
सब कुछ होता मौला मेरे पास भी अगर ये जालिम गरीबी ना होती,
इक टुकडे के वास्ते ना सुनते दुनिया कें ताने,
हमारे हाथ मे भी होते अगर दो वक्त कें खाने,
यू तिल-तिल ना जलते रूह, ये आँखे गीली ना होती
सब कुछ होता मौला मेरे पास भी अगर ये जालिम गरीबी ना होती।।
यू सर्दी की राते अपनी ठिठुर-ठिठुर के ना कटती
कई दिनो की भूख अब पानी पीने से ना मिटती
होते जो सर पर छत अपने, तो इतनी जिल्लत ना होती
हम भी हकदार होते अगर ऐसी नसीब ही ना होती,
सब कुछ होता मौला मेरे पास भी अगर ये जालिम गरीबी ना होती..
Shalini Gupta
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