ये तन पावन हैं मानव का
मन कालिख सा मैला क्यू हैं
ये जीवन हैं संघर्षो का
मन इतना कायर सा क्यू हैं
जब तक साँसे है जीवन हैं
साँसो पर जीवन निर्भर क्यू हैं
सब सुलझा-सुलझा लगता हैं
मन में इतनी उलझन क्यू हैं
जीवन कि अंतिम घडियो मे
अपने अंजाने से क्यू हैं
जब साथ छोड़ देती साँसे
अंजाने अपने से क्यू हैं
ये दुनिया की रस्मे सारी
मेरे मन को ना लुभा पायें
जो सच्चाई हैं इस दुनिया की
उसे देखकर मन व्याकुल क्यू है
ये तन पावन हैं मानव का
मन कालिख सा मैला क्यू हैं
DOORI KA EHSAAS
@Shalini Gupta $Ģ
मन कालिख सा मैला क्यू हैं
ये जीवन हैं संघर्षो का
मन इतना कायर सा क्यू हैं
जब तक साँसे है जीवन हैं
साँसो पर जीवन निर्भर क्यू हैं
सब सुलझा-सुलझा लगता हैं
मन में इतनी उलझन क्यू हैं
जीवन कि अंतिम घडियो मे
अपने अंजाने से क्यू हैं
जब साथ छोड़ देती साँसे
अंजाने अपने से क्यू हैं
ये दुनिया की रस्मे सारी
मेरे मन को ना लुभा पायें
जो सच्चाई हैं इस दुनिया की
उसे देखकर मन व्याकुल क्यू है
ये तन पावन हैं मानव का
मन कालिख सा मैला क्यू हैं
DOORI KA EHSAAS
@Shalini Gupta $Ģ
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