सूरज की मै तपिस लिखु ,या चाँद सी शीतल रात लिखु।
साथ जो तुम दो मेरा हमदम, मै अपना हर एहसास लिखु।।
ठंडी की वो ओस लिखु , या गर्मी की बरसात लिखु।
साथ जो तुम दो मेरा हमदम, हर मौसम का एहसास लिखु।।
इन्द्रधनुष का रंग लिखु, या अमास्या की काली रात लिखु।
साथ जो तुम दो मेरा हमदम, हर लम्हा चाँदनी रात लिखु।।
फूलो की मै खुश्बू लिखु ,या भ्रमरो का रसपान लिखु।
साथ जो तुम दो मेरा हमदम, कुछ मधुर-मधुर सा आज लिखु।।
सागर की गहराई लिखु ,या झील का फव्वर लिखु।
साथ जो तुम दो मेरा हमदम, दोनो को मै साथ लिखु।।
DOORI KA EHSAAS
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