रात आती तो है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
खत आज भी तुझे लिखता हूँ
पर उसके जवाब नही आते हैं।।
ये किस रास्ते पर छोड दिया तुमने मुझे।
हर मोड पर इन्तजार करता हूँ तुम्हारा
ना जाने क्यू तुम मुझे मिल नही पाते।।
रात आती तो है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
हर वक्त आती हैं यादें तुम्हारी,
पर न जाने क्यों बस तुम नहीं आते !!
दिल-ए-नादान है इतना कि क्या बताएं,
कितना भी चाहो पर इसे समझा नहीं पाते !!
रात आती है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
रूठ तो जाते हैं हम तुमसे हर बार की तरह,
पर तुम्हारी याद में बहते अश्कों को रोक नहीं पाते !!
हुए रूसवा जो तुम हमसे तो अब कुछ भी नही भाता !
पर क्या करें जो हक़ीक़त है उसे हम बदल नहीं पाते !!
रात आती है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
खत आज भी तुझे लिखता हूँ
पर उसके जवाब नही आते हैं।।
ये किस रास्ते पर छोड दिया तुमने मुझे।
हर मोड पर इन्तजार करता हूँ तुम्हारा
ना जाने क्यू तुम मुझे मिल नही पाते।।
रात आती तो है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
हर वक्त आती हैं यादें तुम्हारी,
पर न जाने क्यों बस तुम नहीं आते !!
दिल-ए-नादान है इतना कि क्या बताएं,
कितना भी चाहो पर इसे समझा नहीं पाते !!
रात आती है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
रूठ तो जाते हैं हम तुमसे हर बार की तरह,
पर तुम्हारी याद में बहते अश्कों को रोक नहीं पाते !!
हुए रूसवा जो तुम हमसे तो अब कुछ भी नही भाता !
पर क्या करें जो हक़ीक़त है उसे हम बदल नहीं पाते !!
रात आती है पर तेरे ख्वाब नही आते हैं।
शालिनी गुप्ता $Ģ
DOORI KA EHSAAS
bahut khoob......keep it up
ReplyDeleteThank u Ruchi.....
ReplyDeleteKya baat kya baat suprb guru 👌👌👌👌
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