कुछ लम्हों की मैं बात लिखू ,
एहसास भरे अल्फाज लिखू ।
जज्बातो की मैं भोंर लिखू ,
या ख्वाबो वाली रात लिखू ।।
तन्हाई मे बीती शाम लिखू ,
या कोई पुरानी बात लिखू ।
जो मिल कर साथ गुजारे थे ,
वो प्यारी सी मुलाकात लिखू ।।
तेरी मीठी मुस्कान लिखू ,
या कोयल सी आवाज लिखू।
इंतजार की इक-एक घडिया,
फूर्सत से मैं आज लिखू ।।
आसमाँ में चमकता चाँद लिखू ,
या तारो भरा आकाश लिखू ।
बिजली से जो गर्जन होती ,
क्या उसकी आवाज लिखू ।।
अपने सपनो को आज लिखू,
या अपने कुछ विचार लिखू ।
ज़िसको पढना चाहो तुम,
उसको बोलो आज लिखू ।।
DOORI KA EHSAAS
-@Shalini gupta
एहसास भरे अल्फाज लिखू ।
जज्बातो की मैं भोंर लिखू ,
या ख्वाबो वाली रात लिखू ।।
तन्हाई मे बीती शाम लिखू ,
या कोई पुरानी बात लिखू ।
जो मिल कर साथ गुजारे थे ,
वो प्यारी सी मुलाकात लिखू ।।
तेरी मीठी मुस्कान लिखू ,
या कोयल सी आवाज लिखू।
इंतजार की इक-एक घडिया,
फूर्सत से मैं आज लिखू ।।
आसमाँ में चमकता चाँद लिखू ,
या तारो भरा आकाश लिखू ।
बिजली से जो गर्जन होती ,
क्या उसकी आवाज लिखू ।।
अपने सपनो को आज लिखू,
या अपने कुछ विचार लिखू ।
ज़िसको पढना चाहो तुम,
उसको बोलो आज लिखू ।।
DOORI KA EHSAAS
-@Shalini gupta
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