*माँ*
एक शब्द मे पूरी दुनिया का वर्णन हैं-माँ
इस धरती को जन्नत भी कर सकती है -माँ
इसके रूप अनेक पर इक होती हैं - माँ
बच्चो पर हो जब कोई संकट, जग से लड जाती है -माँ
आँचल मे है बसता उसके ये सारा संसार
छूपा के बच्चो को आँचल मे वो बरसाती प्यार
बच्चो के आँखो मे आँसू देख नही पाती है -माँ
उनकी इक मुस्कान के खातिर सौ जख्म उठा सकती है-माँ
इस संसार मे सबसे प्यारी हमको होती -माँ
हर दुख-सुख मे साथ जो होती वो होती है -माँ
एक शब्द मे पूरी दुनिया का वर्णन हैं-माँ
इस धरती को जन्नत भी कर सकती है -माँ
इसके रूप अनेक पर इक होती हैं - माँ
बच्चो पर हो जब कोई संकट, जग से लड जाती है -माँ
आँचल मे है बसता उसके ये सारा संसार
छूपा के बच्चो को आँचल मे वो बरसाती प्यार
बच्चो के आँखो मे आँसू देख नही पाती है -माँ
उनकी इक मुस्कान के खातिर सौ जख्म उठा सकती है-माँ
इस संसार मे सबसे प्यारी हमको होती -माँ
हर दुख-सुख मे साथ जो होती वो होती है -माँ
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