Hi Friends ! Welcome to Blog 'Doori Ka Ehsaas'. " Maine Ehsaas likha hai, Tum bas Alfaj padhana."
सुनो, अब चीजे मुझे याद नही रहती ग़र कुछ भूल जाऊँ तो माफ़ करना। मुझे याद नही रहती अब वो सारी बा...
तेरे दिए हर एक जख्मों का तलबगार हो गया हूँ। ऐ वक़्त, देख मैं कितना समझदार हो गया हूँ।। अब श...
"अच्छा नही लगता" अब तुझ पर हक़ अपना जताना अच्छा नही लगता। क्योंकि तेरा किसी और को टूट के चाहना ...
दिसम्बर की रातों में लोग अपने-अपने घरों के कमरों में कंबल ओढ़ कर गरमाहट का एहसास लेते हैं। वह...
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